महिलाओं को जल्द ही मिलेगी गठिया के दर्द मुक्ति
महिलाओं को होने वाले गठिया रोग से जल्द ही निजात मिल जायेगी। लखनऊ स्थित सीडीआरआई के वैज्ञानिकों ने ऑस्टियोअर्थराइटिस के लिए दवा इजाद की है। यह दवा महिलाओं को गठिया रोग में होने वाले दर्द से छुटकारा दिलाएगी। सीडीआरआई के वैज्ञानिकों ने ऑस्टियोआर्थराइटिस के उपचार के लिए पालक के रूप में जाने जाने वाले स्पिनेशिया ओलेरेसिया से एक मानकीकृत नैनो.फोर्मूलेशन तैयार किया है। बोन बायोलोजिस्ट एवं रिसर्च टीम की लीडर डॉ ऋतु त्रिवेदी ने बताया की सीडीआरआई में हमारे शोध का यह एक सांयोगिक परिणाम था।
जब हमारा पूरा ध्यान रजोनिवृत्ति के बाद होने वाले ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर हीलिंग पर केन्द्रित था। हमने पाया है कि पालक स्पिनेशिया ओलेरेसिया का एक मानक नैनो फोर्मूलेशन में न केवल अस्थि बनाने की क्षमता होती है बल्कि इसमें प्रभावित स्थान पर कार्टिलेज कोशिकाओं की एक स्वस्थ परत तैयार करने की क्षमता भी है। उन्होनें बताया कि जल्द ही यह दवा बाजार में उपलब्ध होगी। सीडीआरआई ने इस दवा की प्रौद्योगिकी फ़ार्मेंजा प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दी है।
क्रोनिक ऑस्टियोआर्थराइटिस को बुढ़ापे की समस्या के रूप में माना जा सकता है लेकिन इसके विपरीत यह जोड़ों के एक आम समस्या है जो कि छोटी उम्र मे भी प्रभावित कर सकता है। भारत में लगभग 39% लोग ओस्टियोआर्थराइटिस से ग्रस्त हैं जिसमें 45% महिलाओं में 65 वर्ष की आयु मे इसकी शिकायत मिलती एवं 70% मे तो ओस्टियोआर्थराइटिस के एक्सरे सबूत भी मिल जाते हैं। क्रोनिक ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित रजोनिवृत्त पोस्टमेनोपाज महिलाओं फ्रैक्चर होने का खतरा 20% बढ़ा हुआ पाया गया है।
दवा के लाइसेन्स किए जाने के अवसर पर सीडीआरआई की निदेशक निदेशक डॉ मधु दीक्षित ने कहा हमारे शोध के परिणामों के आधार पर हमारी दवा कोई विषाक्तता नहीं दिखाती है और नैनो फोर्मूलेशन तैयार करने की वजह से ये कम मात्रा में भी प्रभावी है। इसमें चार जैवमार्करों का समावेश है जो संभवतरू घुटने के जोड़ पर उपास्थि की मरम्मत में बेहद प्रभावशील हैं।
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